नईदिल्ली| स्वच्छ सर्वे की रैंकिंग में साउथ एमसीडी की लंबी छलांग ने सभी को हैरान कर दिया है. साउथ एमसीडी में काम करने वाले सभी कर्मचारी और अधिकारी इस उपलब्धि से काफी खुश हैं.
साउथ एमसीडी कमिश्नर पुनीत कुमार गोयल ने बताया कि साउथ एमसीडी ने पहले टॉप 25 रैंकिंग में आने का लक्ष्य रखा था और इसमें अलग-अलग लक्ष्य हासिल करने के मद्देनजर कई टीमें गठित की गई थीं. ये टीमें साप्ताहिक बैठकें करती थीं.
कमिश्नर गोयल के मुताबिक निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि दिल्ली की बढती आबादी को वो सुविधाएं देना जिससे सफाई के काम में रुकावट ना आए. पुनीत गोयल के मुताबिक साउथ एमसीडी ने सेवा स्तर में सुधार में 833, डायरेक्ट ऑबसर्वेशन में 987, सिटिज़न फीडबैक और स्वच्छता ऐप में 1209 और कुल 3029 अंक प्राप्त किए हैं.
कमिश्नर ने बताया कि बीते एक साल में साउथ एमसीडी ने 164 सामुदायिक शौचालय, 34 सार्वजनिक शौचालय बनाए और इसके अलावा 400 सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों की आईसीटी आधारित निगरानी शुरू की.
इसके अलावा 5000 नीले और हरे डस्टबिन बाजार में लगाने के साथ ही 3037 कूड़ा बीनने वालों को प्रशिक्षण दिया गया. इसके अलावा 277 बाजारों में रात में सफाई की शुरुआत की गई और साउथ दिल्ली के प्रमुख बाजारों में महिलाओं और बच्चों को होटलों और रेस्तरां में मुफ्त शैचालय की सुविधा दिलवाई गई, जिससे साल 2017 की रैंकिंग को सुधारते हुए साल 2018 में साउथ एमसीडी को 32वां रैंक मिला. साल 2017 में निगम 202वीं रैंक पर था.
कमिश्नर पुनीत गोयल ने कहा कि साउथ एमसीडी आने वाले दिनों में साउथ दिल्ली के पार्कों में पत्तों से कंपोस्ट बनाने का काम बड़े पैमाने पर शुरु करने जा रही है. और सीएंडडी संयत्र और नया लैंडफिल साइट पर भी जोर दिया जा रहा है, जिससे 2019 के स्वच्छ सर्वे में साउथ एमसीडी को और बढ़िया रैंकिंग दिलाई जा सके.